ऐसे व्यक्ति की संपत्ति जो बिना वसीयत किए, यानी वसीयत छोड़े बिना मर जाता है, वह कुछ नियमों द्वारा प्रशासित होती है जिन्हें वसीयत नियम कहा जाता है। यदि व्यक्ति हिंदू , सिख, बौद्ध या जैन है , या फिर वह मुस्लिम, ईसाई, पारसी या यहूदी नहीं है तो उसकी मृत्युप्रांत उसकी जायदाद उसके वारिसों को हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के अधीन दी जाएगी
इसके अनुसार उसकी संपत्ति
सर्वप्रथम उन वारिसों के नाम की जाएगी जिनका जिक्र अनुसूची की प्रथम श्रेणी में किया गया है इस श्रेणी में अलग-अलग उल्लेख किए गए वारिशों को समान रूप से संपत्ति मिलेगी अन्य किसी को कोई हिस्सा नहीं मिलेगा ।
यदि श्रेणी एक में कोई उत्तराधिकारी नहीं है तो द्वितीय श्रेणी के वारिशों को जाएगी।
यदि प्रथम व द्वितीय श्रेणी के उत्तराधिकारी नहीं है तो उन उत्तराधिकारियों (Agnates) को संपत्ति दी जाएगी जिसका पिता की साइड से पूर्ण रूप से खून का रिश्ता हो या गोदनामा के आधार पर रिश्ता बनता है।
यदि पिता की साइड से खून के रिश्ते की उत्तराधिकारी ना हो तो मृतक की संपत्ति Cognates यानी ऐसे उत्तराधिकारी जिनका रिश्ता माता की तरफ से हो को जाएगी।
श्रेणी 1 के उत्तराधिकारी
विधवा
पुत्र या पुत्री
माता
मृतक पुत्र के पुत्र या पुत्री
मृतक पुत्री के पुत्र या पुत्री
मृतक पुत्र की विधवा
मृतक पुत्र के पौत्र या पौत्री
श्रेणी 2 के उत्तराधिकारी
उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के अनुसार द्वितीय श्रेणी के वारिशों को 9 भागों में विभाजित किया गया है यदि पहले भाग के वारिस जिंदा हो तो दूसरे भाग की वारिशों को हिस्सा न मिलेगा। पहला भाग के वारिस ना होने की सूरत में दूसरे भाग के वारिशों को हिस्सा मिलेगा इसी तरह से आगे 9 भाग तक यह सिलसिला चलेगा जी विभाग के हकदार बनते हैं उनको सबको बराबर हिस्सा मिलेगा द्वितीय श्रेणी के वारिस इस प्रकार है।
पिता
पुत्र का दोहता, पुत्र की दोहती, भाई, बहन
पुत्री का पोता, पुत्री की पोती, पुत्री का दोहता या दोहती
भतीजा, भतीजी, भांजा,भाजी।
दादा, दादी
पिता की विधवा (मैत्री माता), भाई की विधवा
चाचा/ ताई/ बूआ
नाना, नानी
मामा, मामी।
सम पितृ उत्तराधिकारी (Agnates)
पुरुष पीढ़ी के खून के रिश्तेदार
निकटवर्ती रिश्तेदार (Cognates)
पुरुष या स्त्री पीढ़ी के नजदीकी रिश्तेदार
यदि मृतक के ऊपर वर्णित कोई भी रिश्तेदार ना हो तो उसकी संपत्ति राज्य सरकार को चली जाती है।
Disclaimer
यह सूचना केवल सामान्य ज्ञान के लिए है किसी भी प्रकार की वैधानिक सलाह नहीं है।
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