पिछली पोस्ट में हमने जमाबंदी का संक्षिप्त विवरण दिया था जो की एक भू राजस्व रिकॉर्ड है इसी कड़ी में हम आज जानेंगे की इंतकाल क्या होता है
आपने बहुत बार इसका नाम सुना होगा इसे दाखिल ख़ारिज या म्युटेशन के नाम से भी जाना जाता है इंतकाल का शाब्दिक अर्थ बदलाव (Change or Alteration)होता है जब किसी भूमि को पंजीकरण (रेजिस्ट्रेशन ),विरासत , पट्टा (लीज ), रहन (मॉर्टगेज ) या किसी कोर्ट के आदेश के द्वारा मलकियत (ओनरशिप ) या इंट्रेस्ट में बदलाव किया जाता है तो बदलाव को रिकॉर्ड करने वाले डॉक्यूमेंट को इंतकाल या म्युटेशन कहते है।म्युटेशन का उदेश्य रिकॉर्ड ऑफ़ राइट्स को अपडेटेड रखने के लिए होता है। यह मलकियत के बारे में स्पस्टता प्रदान करता है तथा क़ानूनी विवादों को रोकता है।
इंतकाल और जमाबंदी अलग अलग होते है जंहा जमाबंदी में किसी मालिक या कास्तकार का नाम , हिस्सा , भूमि का प्रकार , सिंचाई आदि के साधन तथा भू राजस्व के बारे में जानकारी होती है ,वंही इंतकाल मलकियत (Ownership) या इंट्रेस्ट को बदलाव/तबदील को रिकॉर्ड करने वाला डॉक्यूमेंट होता है। सामान्यतया इंतकाल एक महीने के अंदर अंदर दर्ज कर दिया जाता है।
भूमि खरीदते समय यह विशेष ध्यान रखना चाहिए कि लोकल अथॉरिटी के कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करने के बाद इंतकाल हुआ या नहीं कयोंकि जबतक इंतकाल नहीं होता रिकॉर्ड में ओनरशिप नहीं बदलती है। इस प्रकार इंतकाल एक आवश्यक भू दस्तावेज़ है जिसकी हमें जानकारी होनी चाहिए।
Intekal Sample Format In Haryana
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